राग : रामकली
श्याम सुखधाम जहाँ नाम इनके ।
निशदिना प्राणपति आय हिय में बसे,
जोई गावे सुजश भाग्य तिनके ॥१॥
येही जग में सार कहत बारंबार,
सबन के आधार धन निर्धन के ।
लेत श्री यमुने नाम देत अभय पद दान,
रसिक प्रीतम प्रिया बसजु इनके ॥२॥
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