राग : टोडी
फल फलित होय फलरूप जाने ।
देखिहु ना सुनी ताहि की आपुनी,
काहु की बात कहो कैसे जु माने ॥१॥
ताहि के हाथ निर्मोल नग दीजिये,
जोई नीके करि परखि जाने ।
सूर कहें क्रूर तें दूर बसिये सदा,
श्री यमुना जी को नाम लीजे जु छाने ॥२॥
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