राग : टोडी
गोकुलकी पनिहारी पनिया भरण चली , बडे बडे नयना तामें खूब रह्यो कजरा।
पहेरे कसुंभी सारी अंग अंग छबी भारी , गोरी गोरी बहींयनमें मोतीन के गजरा ॥१॥
सखी सब लिए जात हस हस बुजत बात , तनहुकी सुधी भूली सीस धरे गगरा।
नंददास बलीहारी बीच मीले गिरिधारी , नयननकी सेननमें भूल गयी डगरा ॥२॥
Friday, May 11, 2007
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