राग : केदार
श्री यमुनाजी को नाम तेईजू लेहे ।
जाकी लगन, लगी नंदलाल सों,
सर्वस्व देके निकट रहे हैं ॥१॥
जिनही सुगम जानि, बात मन में जु मानि,
बिना पहिचान कैसे जु पैये ।
कृष्णदासनि कहे श्री यमुने नाम नौका ,
भक्त भवसिंधुतें योंहि तरिये ॥२॥
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