Tuesday, May 29, 2007

२३) फल फलित होय फलरूप जाने...

राग : टोडी

फल फलित होय फलरूप जाने ।
देखिहु ना सुनी ताहि की आपुनी,
काहु की बात कहो कैसे जु माने ॥१॥

ताहि के हाथ निर्मोल नग दीजिये,
जोई नीके करि परखि जाने ।
सूर कहें क्रूर तें दूर बसिये सदा,
श्री यमुना जी को नाम लीजे जु छाने ॥२॥

No comments: