Wednesday, June 6, 2007

१०) जा मुख तें श्री यमुने यह नाम आवे....

राग : मालकोंस

जा मुख तें श्री यमुने यह नाम आवे ।
तापर कृपा करत श्री वल्लभ प्रभु,
सोई श्री यमुना जी को भेद पावे ॥१॥

तन मन धन सब लाल गिरिधरन को देकें,
चरन जब चित्त लावे ।
छीतस्वामी गिरिधरन श्री विट्ठल,
नैनन प्रकट लीला दिखावे ॥२॥

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