Wednesday, June 6, 2007

७) श्री यमुना जस जगत में जोइ गावे...

राग : बिलावल

श्री यमुना जस जगत में जोइ गावे ।
ताके अधीन ह्वै रहत हे प्राणपति
नैन अरु बेन में रस जु छावे ॥१॥

वेद पुराण की बात यह अगम हे,
प्रेम को भेद कोऊ न पावे ।
कहत गोविन्द श्री यमुने की जापर कृपा,
सोइ श्री वल्लभ कुल शरण आवे

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