Tuesday, May 15, 2007

३४) ऐसी कृपा कीजिये लिजिये नाम...

राग : केदार

ऐसी कृपा कीजिये लिजिये नाम ।
श्री यमुने जग वंदिनी, गुण न जात काहु गिनी,
जिनके ऐसे धनी सुंदर श्याम ॥१॥

देत संयोग रस, ऐसे पियु है जु बस,
सुनत तिहारो सुजस पूरे सब काम ।
कृष्णदासनि कहे, भक्त हित कारने,
श्री यमुने एक छिन नहिं करे विश्राम ॥२॥

No comments: