Wednesday, May 16, 2007

३२) कौन पे जात श्री यमुने जु बरनी....

राग : गौड सारंग

कौन पे जात श्री यमुने जु बरनी ।
सबही को मन, मोहत मोहन ,
सो पिया को मन है जु हरनी ॥१॥

इन बिना एक छिन, रहत नही जीवन धन,
ब्रज चन्द मन, आनंद करनी ।
श्री विठ्ठल गिरिधरन संग आये,
भक्त के हेत अवतार धरनी ॥२॥

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