Saturday, September 15, 2007

कहन लागे मोहन मैया मैया....

राग : नट

कहन लागे मोहन मैया मैया।
बावा बावा नंदरायसो,
अरु हलधरसो भैया भैया॥१॥

छगन मगन मधुसुदन माधो,
सब व्रज लेत बलैया।
नाचत मोर रहत संग उनके,
तोतरे बोल बुलैया॥२॥

दुरी खेलन जिन जाऊ मनोहर,
मारेगी कहुकी गैया।
मात यशोदा ठाड़ी टेरे,
ले ले नाम कन्हैया॥३॥

सब गोकुलमें आनंद उपज्यो,
घर घर होत बधैया।
नंदनंदंकी या छबि ऊपर,
परमानंद बलि जैया॥४॥

No comments: