Friday, September 7, 2007

सब मिल आवो, गाओ बजाओ.....

राग : भैरव

सब मिल आवो, गाओ बजाओ।
कनकथाल भर भर मुक्ता फल,
न्योछावर ले कराओ॥१॥

नव नव पल्लव बंधनमाल,
द्वार द्वार बंधावन आनंदघन।
प्रभु जन्म सुनतहि,
लाग्यों सुजस सुहावन॥२॥

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