Thursday, June 21, 2007

वर्षा की अगवानी.....

राग : मल्हार
वर्षा की अगवानी , आये माई वर्षा की अगवानी।
दादुर मोर पपैया बोले, कुंजन बग्पांत उडानी ॥१॥

घनकी गरज सुन, सुधी ना रही कछु,
बदरन देख डरानी ।

कुम्भनदास प्रभु गोवर्धनधर,
लाल
भये सुखदानी ॥२॥

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